गोलमोल-सी अंगुलियों में भरी हुई खटास, सराबोर प्रेयसी टपकाती मिठास, जीवन का पर्याय हो या अबूझ पहेली, आसक्त हूँ तुमपर हो कौन मनचली? जलाबिया कहते कोई, कोई जल-वल्लिका, कुंडलिका नाम तुमपर क्या सही जंचा, मैदा में खमीर उठाकर प्रेम व्यूह रचा, जलेबी के जाल में भला कौन नहीं फसा? उबलते तेल में उन्मुक्त हो नाचती, […]
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