बस पिछले महीने बात हुई, वह मिलने आने वाला था।
कुछ दिन बीते, वह दिन आया,
फिर वह मुझसे मिलने आया।।
नियोजन सफल न हुआ कि,
जब वह आया तब मैं मिला नहीं।
संयोग जो ऐसा बना कि,
जो सोचा था वह तो हुआ नहीं।।
फिर तकनीक प्रयोग के द्वारा ही,
दूर से मिले,
व कुछ निश्चय किया।
एक तिथि चुनी, एक समय चुना,
अमुक स्थान पर मिलना सुनिश्चित किया।।
संजोग जो ऐसा बना दोबारा,
कि जो सोचा वह हुआ नहीं।
मौसम ऐसा बिगड़ा,
कि आना जाना संभव हुआ नहीं।।
हालांकि ... मिले थे हम इस सबके बीच,
उस सुबह में, कुछ क्षण के लिए।
योजना बनाई थी विशिष्ट,
फिर अपने घर को चल दिए।।
लेकिन अंततः हुआ था क्या,
मैंने पहले ही बताया दिया।
जो होना था, बस हुआ वही।
वह आया था, वह चल गया।।
It's Just Awesome!
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