shivamprasad posted: " "मामला गंभीर है!"कुछ ऐसे ही होती है नए सफर की शुरुआत,अक्सर यहीं पर खत्म होती है सालों से चल रही बात,कई बार बिखरते हैं सपने इस क्षण में,कई बार टूटते है हमारे ही हिस्से कण-कण में,इसी परिस्थिति के परछाईयों में हम खो जाते हैंऔर जब इसकी घटाएं छंटती हैंतब "
"मामला गंभीर है!" कुछ ऐसे ही होती है नए सफर की शुरुआत, अक्सर यहीं पर खत्म होती है सालों से चल रही बात, कई बार बिखरते हैं सपने इस क्षण में, कई बार टूटते है हमारे ही हिस्से कण-कण में,
इसी परिस्थिति के परछाईयों में हम खो जाते हैं और जब इसकी घटाएं छंटती हैं तब इस अंधेरे के पार कोई और ही मिलता है, जो हुबाहु हमारे ही तरह दिखता है,
पर, हम पहले जैसे नही रहते हम 'हम' नही रहते
ये विनाश का क्षण होता है हमारे हिस्सों के अंत का क्षण होता है यही नए जन्म का क्षण होता है ये परिवर्तन का क्षण होता है
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