निम्न निबंध या समीक्षा व विचार 22 अप्रैल 2023 को मंचित हुए नाटक "अपने घर जैसा" का है जो इसका दूसरा मंचन था। आज दो महीने बाद इस नाटक के बारे में लिखते वक़्त मुझे कम बातें याद है पर उस औरत बहुत सारी बातें याद है अपने बेटे के बारे में। अब यह तो […]
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