मेरी रोजमर्रा की आदतों में हँसना शुमार नहीं है और न ही मैंने इस भाव को अपने जीवन में स्थान देने के लिए कोई ज़हमत उठाई है। मेरे अन्दर के सारे भाव और अवसाद मेरा किसी वस्तु, जगह, लोग और माहौल से घुलते वक़्त की प्रतिक्रिया मात्र है। शायद, इससे किसी जगह या वातावरण को […]
Read more of this post
Tiada ulasan:
Catat Ulasan